१५ अगस्त- स्वतंत्रता दिवस ! आज़ादी का उत्सव ! गर्व का दिन और शहीदों को श्रद्धांजलि देने का पर्व !
इन सब के बीच आज बचपन बहुत याद आ जता है ! सुबह एक कविता लिखा जिस पर मेरे मित्र पाण्डेय जी का कमेन्ट आया कि कैसे स्कूल में नारे लगाये जाते थे ! भारत माता की जय ! १५ अगस्त अमर रहे ! अन्न जहाँ का हमने खाया , नीर जहाँ का हमने पिया ….. इसकी रक्षा कौन करेगा ? इस पर एक सुर में हम सब बड़े ही गर्व और उत्साह से कहते… हम करेंगे हम करेंगे हम करेंगे !
कमाल का दिन हुआ करता था ! सुबह सुबह उठ कर तैयार हो और फिर हाथ में झंडा लिए निकल पड़ो स्कूल के लिए ! एक अद्भुत त्यौहार जिसमे किसी जाती धर्म का भेद नहीं ! सबमे एक ही उत्साह एक ही तरह का देशभक्ति !
चारो तरफ से भारत माता की जय हो के नारे गूंजते ! सुबह सुबह प्रभातफेरी निकाली जाती जिसमे पूरा स्कूल जाता ! बचपन में १५ अगस्त का इंतजार लड्डू और जलेबी के लिए भी रहता था क्युकि आज के दिन खूब चलता था जलेबी और लड्डू !
सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते और सब कुछ न कुछ करते .. कोई देशभक्ति गीत गाता, कोई नाटक में भाग लेता तो कोई भाषण देता… सबका उद्देश्य सिर्फ एक वीर शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर उनका आभार मानना !
सबसे ज्यादे याद आते हैं ओमप्रकाश सर जो मंच पे खड़े होकर कई घंटो तक नारों की उद्घोषणा करते रहते ! हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी के विद्वान ओमप्रकाश सर की आवाज़ आज भी ताज़ा है जेहन में !
लाइन लगाकर लड्डू लेने के बाद , इस स्वंतंत्रता दिवस के प्रसाद को घर पे जाकर सबको देता ! देवरिया का पुलिस लाइन में होने वाला समारोह सबसे भव्य हुआ करता था !
पूरा शहर जैसे जश्न में डूबा , बच्चे झंडे को लहराते रहते पूरे दिन ! सबसे पहला झंडा ठीक ७ बजे सामने नेहरु विद्यालय में फेहराया जाता और हम सब उसे नमन करते !
आज यहाँ चेन्नई में बैठे बैठे वो सारे क्षण जैसे जीवित हो आए … और रूम में ही नारे लगा लिया .. भारत माता की जय , महात्मा गाँधी अमर रहे !
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आज ह्रदय अभिनन्दन करता है इस पावन पुण्य दिवस का !
आज ह्रदय नमन करता है
उन वीर शहीदों का
उन वीर महान स्वतंत्रता सेनानियों का
आज ह्रदय अभिनन्दन करता है इस पावन पुण्य दिवस का !
खुली हवा और ये साँसे
जब तक जीवन है , जब तक साँसे हैं
नतमस्तक है माथा उन सबके अथक प्रयंतो का
गाँधी तिलक भगत सुखदेव ऐसे कितने नाम गिने
बस सत सत नमन है आज़ादी के वीरो को
जय माँ जननी भारत माँ
तुझको नमन है सत सत बार
तुझको अभिनन्दन इस पावन पुण्य दिवस का
~ सुनील कुमार गुप्ता