रामलीला समाप्त हुई !

बाबा रामदेव कि लीला अजब ! यहाँ चेन्नई में बैठे पाता नहीं चलता बाबा कि आन्दोलन शक्ति … कभी कभी लगता है काश! दिल्ली में होते तो बाबा के असमंजस को करीब से समझ पाते | कभी काला धन , कभी कांग्रेस, कभी भ्रष्टाचार, कभी अन्ना के साथ तो कभी अन्ना से काफी दूर !
बाबा ने कहा कि २०१४ तक बताएँगे कि कौन सी पार्टी के साथ हैं ! सुना है बाबा को मुलायम मायावती जैसे नेताओ का साथ मिल रहा है ! बहुत खूब बाबा जी ! बढ़िया हैं !
नया नारा भी दिया ने आज – कांग्रेस हटाओ देश बचाओ ! कुछ दिनों पहले तक बाबा ने मुद्दों पे आधारित आन्दोलन करने कि बात लगता है भावावेश में कह गए थे !
शायद केजरीवाल से काफी कुछ सीख गए रामदेव ! अब तो मनमोहन सिंह  की खैर नहीं !
बाबा काला धन लाना चाहते हैं या कांग्रेस हटाना ! मुश्किल है ! बाबा भी जानते शायद !
वैसे बाबा “अन्ना पार्टी ” को समर्थन क्यों नहीं देना चाहते ! आश्चर्य है !
राहुल ने कहा बाबा से गंभीर मुद्दे हैं उनके पास ! जी हाँ चुनाव जो आ रहे हैं ! मुद्दे तो बनाने ही पड़ेंगे !
बस देखिये गंगा स्नान के बाद रामदेव कौन सा आसन करते हैं … पल्टासन या बड्बोलासन … वैसे बाबा के पास वोट बैंक तो काफी है !
देखिये भारतीय राजनीती कि ये लीला क्या दे पाती है !
स्वतंत्रता दिवस कि पूर्व संध्या पर देश की समृद्धि , विकास और गौरव कि कामना करता हूँ !